जिसने भी तेरा ख्याल किया वो तुझ में खो गया,
मदहोशी सी छाए, खुद को भूलकर तेरा हो गया.
अपनी धुन में रम जाये, कब दिन कब रात जाये,
काल भी हैरान परेशान, जीवन में सवेरा हो गया.
न कल की फिक्र व न ही बीते कल का हो जिक्र,
जब भी नश्वर शरीर में परमात्मा का डेरा हो गया.
दुख सुख समान लगते हैं,आशा के दीप जलते हैं,
पाप भी मिट जाते हैं,पवित्रता का बसेरा हो गया.
हम सब क्या लेकर आए थे व क्या लेकर जाएंगे,
प्रभु मेरा मेरा करने वाला इंसान भी तेरा हो गया.