दूसरे दिन कुलगुरू महामंत्री को कहकर राज्य के सभी पंडितों को बुलवा लेते हैं .।
और वह उन सब पंडितों को कहते हैं कि आपकी नजर में किसी ऐसी लड़की की कुंडली है क्या जिसमें सभी ग्रह अपने अपने घर में बैठे हो । और वह विवाह के योग्य हो तो आप लोग हमें जरूर बताएं । हमें ऐसी ही लड़की की तलाश है ।
यदि राजा सूर्यमल की शादी ऐसी लड़की से कर दी जाय तो राज्य खुशहाल हो जायेगा और हमारे राज्य को नया उत्तरधिकारी भी मिलेगा ।
कमला के पापा खुश हो जाते हैं वह कुलगुरू से कहते हैं । कमाल की बात है कल रात को ही मेरे पास ऐसी कुंडली घर बैठे बैठे ही आई थी । अभी भी है वह कुंडली मेरे पास ।
हमारे गांव की ही लड़की है नीलांजना जिसकी कुंडली इसी तरह की है जैसी आपको चाहिये ।
कुलकुल कहते है यह तो बहुत खुशी की बात है आप दिखाइए हमें वह कुंडली ।
कुलगुरू कुंडली को देख कर कहते है यह कन्या जरूर राज्य पर आए संकट को दूर करेंगी । वह नीलांजना की कुंडली को ध्यान से देखते है । फिर राजगुरु से कहते है देखो भगवान भी हमारी सायहता कर रहे है । वह भी चाहता है कि हमारे राजा जी की शादी जल्द से जल्द हो जाये ।
इतने में रानी माँ आ जाती है , वे कहती है कुलगुरु जी आप बहुत तल्लीनता से कुंडली को देखिएगा , मैं इस बार कुछ भी जोखिम नही उठाना चाहती ।
कुलगुरु कहते है आप निश्चिंत रहिये रानी साहिबा ।मैने बहुत तसल्ली से कुंडली को देखा है सब ठीक है ।
वे पंडित जी को कहती हैं कि ठीक है आप इसके घर वालों से बात करिए । पंडित जी कहते है वह बहुत ही गरीब लोग हैं ,लड़की बहुत ही साधारण है , उसके मां बाप भी नहीं है चाचा चाची की दया पर अपनी जिंदगी काट रही है । उसे तो राजसी तौर तरिके भी नही आते , ।
रानी मां कहती है ईससे हमें मतलब नहीं ।
हम तो बस यह चाह रहे हैं कि उस लड़की की शादी सूर्यमल से हो जाए ।
पंडित जी आप तुरंत जाईए और उसके घर वालों से बात करिए । और बात क्या करनी है , आप तो उनसे कह दो की इस लड़की को राजा के लिये पसंद किया गया है । वे मना क्यो करेंगे । फिर राजमाता ताली बजाकर नौकरों को बुलाती है ।
वे लोग एक बड़ा सा थाल लेकर आते है । जिसका कपड़ा रानी माँ उठती है । उसे देखकर पंडित जी ली आंखे चुँधिया जाती है , उसमे बहुत से जवारहात, हीरे मोती, रेशमी कपड़े थे ।
वे पंडित जी को कहती है , आप यह सौगात उस लड़की के घरवालों को दे देना ।
इधर पंडिताईन नीलांजना की दादी से कहती जे अम्मा आप तो लड्डू खिलाओ के ।
और नीलू की शादी की तैयारी चालू कर दो पंडित जी ने कहा है कि नीलंजना की शादी के योग प्रबल है और अभी इसी महीने में उसकी शादी हो जाएगी ।
दादी बहुत खुश हो जाती है ।
पंडिताइन कहती है उन्होंने कहा है कि एक बहुत बड़े घर में उसकी शादी होगी राज योग है , अम्मा हमारी नीलू को ।
दादी कहती है मेरी नीलू के तो भाग जाग जाएंगे ।
इतने में नीलांजना की चाची हाथ नचाते हुए कहती है , वाह पंडिताइन ।तुम तो राजयोग ऐसे कह रही हो जैसे इस मनहूस से शादी करने कोई राजा ही आ जाएगा।
दादी की आंखों में क्रोध की ज्वाला , भड़कने लगी ।वे कहती है तुझे क्यों जलन हो रही है, और हां कान खोल के सुन ले राजा ही आएगा मेरी नीलू से शादी करने ।
चाची कहती है मैं भी तो यही चाह रही हूं अम्मा जल्दी से जल्दी इसका ब्याह हो और हमारे सर पर से इस मनहूस का साया टले । पर इस बदसूरत से शादी कौन करेगा ।
मेरी रूपा को देखो कितनी सुंदर है नीलू से 2 साल छोटी है फिर भी अभी से रिश्ते आ रहे हैं उसके लिए ।
अम्मा कहती है बहु जरा ढंग से बोलो बहुत सुंदर है मेरी नीलू ,
चाची पल्लू से अपना मुँह दबा कर हँसने लगती है ।
दादी कहती है और वह कौन सी तुम्हारी छाती पर बैठकर मूंग दल रही है । दिन भर कोल्हू के बैल की तरह तो लगी रहती है काम मे तब जाकर उसे 2 समय की रोटी मिलती है ।
दरवाजे की ओट में खड़ी नीलंजना यह सब बातें सुन रही थी उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं वह सोचती मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है क्यों मेरे मां बाप नहीं है मेरे मां-बाप होते तो मुझे भी कोई प्यार करता ।
दादी नीलंजना को रोते हुए देख लेती है उसके पास जाकर बोलती है मत रो बेटा मैं हूं ना तुझे प्यार करने वाली तू क्यों इनकी बातें सुनती है ।
दादी प्यार से उसके गालों पर हाथ फेरती है और कहती है मेरी नीलू तू अब कुछ दिन की ही मेहमान है घर में । मुझे जी भर के प्यार कर लेने दे फिर ससुराल चली जाएगी तो कब मौका मिलेगा ।
नीलू कहती नहीं दादी मुझे ससुराल नहीं जाना है मुझे आपको छोड़कर कहीं नहीं जाना ।
दादी कहती है बेटी यह तो दुनिया की रीत है एक न एक दिन ससुराल जाना ही पड़ता है देखना तुझे वहां पर इतना प्यार मिलेगा कि तू तेरे सब यह दुख दूर हो जाएंगे तू इन सब को भूल जाएगी ।
नीलांजना दादी की गोद में अपना मुंह छुपा लेती है और कहती दादी आप भी ना।
इधर रानी माँ सूर्यमल के पास आकर कहती है सूर्यमल देखो भगवान ने हमारी सुन ली कुलगुरू ने जिस तरह की लड़की के बारे में बताया था वह लड़की हमें मिल गई है ।
सूर्यमल कहते इतनी जल्दी मिल गई ।
रानी माँ कहती है हां इतनी जल्दी मिल गई भगवान भी हमारे साथ है वह भी चाहते हैं कि तुम्हारी शादी हो ।
सूर्यमल कहते हैं पर माँ ............
रानी मां कहती है अब पर वर कुछ नहीं जल्द ही तुम्हारी शादी होगी ।
रानीवास में रानी चंद्रभागा और रानी प्रभावती दोनों बातें कर रही है दीदी आपको पता है अब तीसरी भी आने वाली है ।
प्रभावती कहती है हाँ सुना मैंने भी ।
चंद्रभागा कहती है मगर राजा साहब ऐसा कैसे कर सकते हैं । हमारी संतान बच नहीं रही है इसमें हमारी गलती थोड़ी ही है।
प्रभावती कहती है चंद्रभागा हम रानियों की किस्मत ही ऐसी होती है पता नहीं राजा कब दूसरी रानी ले आता है कभी युद्ध में जीत के, कभी मित्रता के रूप , कभी उसे कोई पसंद आ जाती है । हमको यह सहना ही पड़ता है।
चंद्रभागा कहती थी कि मुझे तो डर लग रहा है अगर वह बहुत सुंदर हुई तो राजा जी का तो हम से मोहभंग ही हो जाएगा ।
प्रभावती कहती हैं यही होता है जब तुम आई थी तब राजा जी मुझे बिल्कुल ही भूल गए थे ।
अब इतने समय बाद कभी-कभी मेरे पास आ जाते हैं ।
चंद्रभागा परेशान हो जाती है उसे लगता है अब उसकी भी हालत प्रभावती जैसी होने वाली है ।
क्रमशः