हम आलोचना या कटाक्ष के क्षेत्र में नए नहीं हैं , कुछ आलोचनाएं हैं जिन्हें आप जानकर अपनी रुचि को बढ़ा सकते हैं और लोगों की निंदा कर सकते हैं।और एक चरम सुख का आनंद उठा सकते हैं।
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यह समय ऐसे चल रहा जहां से नींद भी सपने भी अब सही नहीं लग रहे। एक चौथाई ही जीवन तो जिया यार फिर भी इतना कष्ट झेलना कैसे लग गया।इसकी शुरुआत बचपन से ही बना दी गयी एक भूमिका जिसके तले दबे रहे दबते चले गए