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निराशाओं का शमन

23 अक्टूबर 2021

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"जब आप टूट रहे होते हैं , तब आप जीवन के तहे खोल रहे होतें हैं और जब हम इन वेदनाओं से उबरने की कोशिश करते  हैं तो हमारी स्थिति ठीक उस नव कोपल की तरह होती है जो तेज झोके के बाद अपने अस्तित्व के लिए किरणें ढूंढ रहा होता है,,,,,,

हमारी जिंदगी ऐसे ही वेदनाओं, टूटन, संत्रांस और निराशाओं से भरी है हमें भी अपने जीवन की एक खिड़की हमेशा उस किरण के लिए खोले रखनी चाहिए जो अंधेरे का शमन कर सके"

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