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ये पावन है पावन ही रहने दीजिये

29 अगस्त 2015

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इस बार रक्षा-बंधन के पावन औसर पे, एक बहन अपने भाई से बोली बड़े प्यार से, अब मेरी हर दुःख सुख में काम आना तुम्हारा फ़र्ज़ है क्योंकि तुम पर इस नाजुक सी डोरी का क़र्ज़ है भाई भी मुस्कुरा कर अपने बहन के सिर पर हाथ रख कर बोला, तुम्हारी इज़्ज़त की रक्षा कारूँगा, हर दुःख और सुख में काम आऊंगा, मैं अपनी जान हथेली पर रख दूंगा, यह सुन कर थोड़ा सा सकुचा कर बहन बोली, यह इक्कीसवीं सदी का जमाना है भइया अपनी इज़्ज़त की रक्षा तो मैं खुद कर लुंगी, मुझे आपकी जान नहीँ चाहिए, जान लेकर मैं क्या करुँगी..? आज के वक़्त में बस पैसा ही नज़राना है भाई अगर बहन की इज़्ज़त बचाना चाहते हो तो एक काम करो मेरी ससुराल जाने के बाद एक कलर टी. वी मेरे घर पंहुचा देना, इस बार तो इतना ही काफ़ी है, अगले बार एक स्कूटर तैयार रख लेना,वी.सी.डी. भी दो तो चलेगा, मेरे रूम में ए.सी. भी लगवाना पड़ेगा अगर बहन की इज़्ज़त है प्यारी तो मेरे लिए फ्रिज भी मंगवा देना, स्टोव नहीँ जलता मुझसे इस लिए गैस-चूल्हा भी ला देना, डाइनिंग टेबल, सोफा-सेट,अलमारी वग़ैरह तो छोटा सामान है किसी से भी बोल कर भिजवा देना, कहते-कहते अपनी बाते बहन फुट फुट कर रो पड़ी, फिर इतना कुछ मांगने का क्या था कारण भाई से बोल पड़ी, भैया ससुराल वाले हर वक़्त हमे कोसते है, जेठानी जी को वहि भगवान् जैसी पूजते है, सास,ससुर,नन्द सब एक बात ही सोचते है, रक्षा-बंधन में ही झलकता है भाई बहन का प्यार ऐसा वो कहते है, यह त्योहार भाई -बहन का आता क्यों नहीँ चार बर्ष में एक बार, आखिर क्या काम है क्या जरूरत है इसकी जो आ जाता है बर्ष में एक बार, भाई बहन का प्यार तो अमर है ये कभी ना ही दिखाया और ना ही बताया जाता, भैया आप इससे पूछो ना की ये लीप इयर की तरह क्यु नहीं आता, सुन कर उसकी सारी बाते भाई बोला आंसूवो की धारा बहाकर, तू चिंता मत कर पगली तू जान है मेरी, इस बार तेरे भी ससुराल वाले तुझे पूजेंगे भगवान् बनाकर, भाई को रोता देखकर उसके होठो पर मुस्कान लाने के लिए बहन बोली, भैया यही है एक भाई-बहन के प्यार का उजाला, एक ही रक्षा-बंधन (के त्योहार) ने निकाल दिया मेरे भैया का दीवाला दोस्तों मैं कहता हु आप सब से हाथ जोड़ कर घायल न इसको कीजिए भाई बहन के पावन त्योहार को पावन ही रहने दीजिए.. पावन ही रहने दीजिए..

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ये पावन है पावन ही रहने दीजिये

29 अगस्त 2015
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इस बार रक्षा-बंधन के पावन औसर पे,एक बहन अपने भाई से बोली बड़े प्यार से,अब मेरी हर दुःख सुख में काम आना तुम्हारा फ़र्ज़ है क्योंकि तुम पर इस नाजुक सी डोरी का क़र्ज़ हैभाई भी मुस्कुरा कर अपने बहन के सिर पर हाथ रख कर बोला,तुम्हारी इज़्ज़त की रक्षा कारूँगा,हर दुःख और सुख में काम आऊंगा, मैं अपनी जान हथे

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सनम बेवफा

12 सितम्बर 2015
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एक बात बता दो ए बेवफा हरजाई,आखिर तुमने क्यु की मेरे संग बेवफाई,तूने जो किया मेरे संग क्या अब कोई तुझ पर बिस्वास करेगा,अब तू ही बता मेरे बाद तेरे से प्यार कौन करेगा...?खूबसूरत हो जाने से क्या होगा,प्यार सौदा बनाने से क्या होगा,दिल का दौलत लुटाने से क्या होगा,हाथ सबसे मिलाने से क्या होगा,लाख कर लो कोश

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तीर सीने के पार हो गया

12 सितम्बर 2015
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कोई पूछे तो दिखा दू दिल चिर केचोट गहरे मिला है मुझे इश्क़ मेंवो तो किसी और के संग डोली में सवार हो गयी,तीर सिने के मेरे वो पार कर गयी,प्यार की बाते कर-कर के वो मुझसे नजर मिलाई,मैं तो बिलकुल नादान था वो मुझको प्यार करना सिखाई,पता नहीं कौन सी कमी यार मेरे प्यार में हो गयी,तीर सिने के मेरे वो पार कर गयी

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