क्रूड ऑयल की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट से भारत में आने वाला क्रूड ऑयल अब मिनरल वाटर से भी सस्ता पड़ रहा है। 8 दिसंबर को इंडियन क्रूड बॉस्केट 12.6 रुपए प्रति लीटर के करीब थी। जो ब्रांडेड मिनरल वाटर से 25 से 30 फीसदी कम है। क्रूड के और सस्ता होने से उम्मीद है। मिड जनवरी रिव्यू में तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और कटौती कर सकती हैं। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इंडियन क्रूड बास्केट 8 दिसंबर को 2001 रुपए प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई है। ये आंकड़े डॉलर के मुकाबले रुपए के 66.67 के हिसाब से दिए गए हैं। एक बैरल 159 लीटर होता है। इस हिसाब से भारत आने वाले तेल की कीमत 12.58 रुपए प्रति लीटर है।�
एक लीटर पानी 18 का और क्रूड ऑयल 12.58 रु का
भारत में फिलहाल ऑनलाइन ऑफर के तहत किंगफिशर, किनले, और बिस्लरी के एक लीटर पानी की बोतल 18 रुपए प्रति लीटर मिल रही है। यानी पानी पर छूट के बाद भी क्रूड ऑयल मिनरल वाटर के मुकाबले 30 फीसदी सस्ता मिल रहा है। वहीं आमतौर पर पानी की बोतल 15 से 20 रुपए प्रति लीटर पर मिल रही है।
पिछले महीने 14.05 प्रति लीटर थी क्रूड की कीमत
खास बात ये है कि 7 दिसंबर को इंडियन क्रूड बास्केट की कीमत मौजूदा स्तर से भी नीचे थी। क्रूड 29.24 रुपए प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया था। 12 दिसंबर से 29 दिसंबर तक क्रूड की औसत कीमत 2234 रुपए प्रति बैरल यानी 14.05 प्रति लीटर के स्तर पर रही है। आपको बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में तीसरी बार इस महीने के शुरुआत में एक बार फिर उत्पाद कर को बढ़ाया गया था।
सस्ता हो सकता है पेट्रोज और डीजल
क्रूड की कीमतों में तेज गिरावट के बाद उम्मीद है कि पेट्रोल और तेल कीमतों में कटौती देखने को मिल सकती है। दरअसल दिसंबर के मध्य में तेल कंपनियों को क्रूड �की खरीद 23.77 रुपए प्रति लीटर पड़ रही थी। इसमें डीलर मार्जिन, वैट, एक्साइज ड्यूटी, और अन्य टैक्स लगाकर दिल्ली में पेट्रोल 60 रुपए के करीब मिल रहा है। फिलहाल क्रूड की कीमत भारत में 15 रुपए प्रति लीटर से नीचे आ गई है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल में कटौती की संभावना बन गई है।
सरकार ने�क्यों�उठाया ऐसा कदम?
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाते हुए राजस्व घाटा कम करने के लिए सरकार ने गत 07 नवंबर से अब तक तीन बार पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया है। 7 नवंबर को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 1.60 रुपए तथा डीजल पर 30 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया था, जबकि 16 दिसंबर को इनमें क्रमश: 30 पैसे तथा 1.17 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी।
नंवबर में 4 बार बढ़ाई गई कीमत
सरकार ने इससे पहले नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच भी चार बार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 7.75 रुपए तथा डीजल पर 6.50 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया था। इस प्रकार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सात बार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.02 रुपए तथा डीजल पर 9.97 रुपए प्रति लीटर बढ़ चुका है।
कच्चे तेल की कीमत गिरने से भारतीयों को�अब तक�नहीं हुआ फायदा
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत गिरने से भारतीय ग्राहकों को कुछ खास फायदा नहीं पहुंचा है क्योंकि वैश्विक कीमतों में जहां 70 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है, वहीं भारत में पेट्रोल कीमतों में सिर्फ 20 प्रतिशत ही गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2015-16 में पेट्रोल पर बेसिक उत्पाद शुल्क 7.72 रुपए प्रति लीटर तक पहुंचा है, वहीं डीज़ल में यह 7.83 रुपए प्रति लीटर है। सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क को चार कडिय़ों में बढ़ाया है।
पेट्रोल में हो सकती थी 10.02 रुपए प्रति लीटर की गिरावट�
अगर सरकार इस शुल्क को नहीं बढ़ाती तो पेट्रोल में 10.02 रुपए प्रति लीटर और डीजल में 9.97 रुपए प्रति लीटर तक की गिरावट हो सकती थी। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 59.35 रुपए प्रति लीटर है, वहीं डीजल 45 रुपए लीटर बेचा जा रहा है।