shabd-logo

pathik

13 अक्टूबर 2019

483 बार देखा गया 483

Hausale buland rakh aie pathik tu


Zamane ki in chingariyon me


Kahin jhulas na jana tu


Nam unhi ke hua karte hain sangemarmar ki deevaron par


Jisane apne lahoo k katron ko

Chhint kar sajai thi apne armano ki dunia ko


Hatash ho ,nirash ho eisa jazba na rakh kabhi

Dil me apne.. Jab thaan hi li hai ki ye jung sirf teri hai.. soch jara


Bij ko dharti fadkar bahar aana padta hai


Tab jakar khet lahlahate hain


Sagar ki lahron ko sahil se takrana padta hai Tab jakar sagar ko moti milte hain

Nahi asan jivan kisi ka bhi yahan


Harwaqt imtihan khade milte hain


Jo imthan jivan ke muskurakar


Sweekar karte hain un adno (koi koi)


Me ,tu bhi apna nam karta ja


Milenge kahin katu bolon ke khanjar tujhe,To kahin teri mehnat par attahas karte log


Tujhe milenge.. Par tu ghabarana na .



पुष्पा पी. परजिया की अन्य किताबें

1

--राखी का सन्देश भाई के नाम---

28 अगस्त 2015
0
9
8

यादों के झरोगे आये नजर के सामने बचपन दर्पण बन सामने आये नजर के सामने रंगबिरंगे धागों से बनी राखी मन ललचाये नजर के सामने सावन की बूंदों संग अंखियाँ आंसुआ बहाए भैया की फोटो के सामने ख़ुशी है ग़म भी है कई भावनाएं भी है नजर के सामने पर हम खुद को बहलायें जाये सबके सामने .. बरसतीं आशीष है

2

" कृष्ण जन्माष्टमी और कान्हा "

5 सितम्बर 2015
0
5
4

मेरे सभी पाठकों को और पुरे भारतवर्ष को जन्माष्टमी की अनेकानेक बधाइयाँ और शुभेक्षाएं ..और दुनिया के सभी देशों में बसे सभी भाई बहनों को भी जन्माष्टमी की अनेकानेक हार्दिक बधाइयाँ ....कृष्ण का नाम आते ही मन में एक छबि बन जाती है एक महान योध्धा की , प्यारे से यशोदाके लाल की, एक सच्चे मित्र

3

ओ जाने वाले लौट के आना

9 सितम्बर 2015
0
3
6

दोस्तों आज पने स्वाभाव से अलग शीर्षक दिया है मैंने इस कहानी का आप चौंकिएगा मत क्यूंकि कहानी इन शब्दों से ही मर्म रखती है सुबह से जब किवाड़ न खुले तब सबने सोचा की आज आंटी जी क्यूँ अब तक सो रहीं हैं , सुबह भोर में जगने वाली आंटी के किवाड़ क्यूँ अब तक बंद हैं ? क्या हुआ होगा कुछ जिज्ञ

4

जय श्री गणेश

15 सितम्बर 2015
0
3
4

गणपति जी विघ्नहर्ता , बुध्धि दाता, दुःख हर्ता सरल सकल मनोरथ पूरण सदैव भक्तों का साथ देने वाले ऐसे भक्तवत्सल भगवान को कोटि कोटि वंदन .श्रीगणेश चतुर्थी को पत्थर चौथ और कलंक चौथ के नाम भी जाना जाता है। यह प्रति वर्ष भाद्रपद मास को शुक्ल चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि को श्री

5

जय श्री गणेश

17 नवम्बर 2015
0
5
0

गणपति जी विघ्नहर्ता , बुध्धि दाता, दुःख हर्ता सरल सकल मनोरथ पूरण सदैव भक्तों का साथ देने वाले ऐसे भक्तवत्सल भगवान को कोटि कोटि वंदन .श्रीगणेश चतुर्थी को पत्थर चौथ और कलंक चौथ के नाम भी जाना जाता है। यह प्रति वर्ष भाद्रपद मास को शुक्ल चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि को श्री

6

pathik

13 अक्टूबर 2019
0
0
0

Hausale buland rakh aie pathik tu Zamane ki in chingariyon me Kahin jhulas na jana tuNam unhi ke hua karte hain sangemarmar ki deevaron par Jisane apne lahoo k katron ko Chhint kar sajai thi apne armano ki dunia koHatash ho ,nirash ho eisa jazba na rakh kabhiDil me apne.. Jab thaan hi li

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए