तीन दोस्त ठाकुर बलवंत सिंह उम्र 20 वर्ष वाकपटुता चातुर्य, भानु प्रताप सिंह उम्र 19 वर्ष वाकपटुता चातुर्य और सूरज प्रताप सिंह उम्र 20 वर्ष सीधा साधा सरल स्वभाव, ने मुंशीगंज कस्बे के अग्रहरि कॉलेज से इन्टर पास किया।
इन्टर पास करने के बाद ठाकुर बलवंत सिंह और सूरज प्रताप सिंह ने अग्रहरि डिग्री कॉलेज के प्रथम वर्ष में दाखिला ले लिया। किन्तु भानु प्रताप के पिता चौधरी हरदयाल सिंह उम्र 48 वर्ष वाकपटुता चातुर्य ,ने उसे आगे पढ़ाने से इनकार कर स्वयं का सीमेंट ,कांक्रीट सरिया का कारोबार देखने का आदेश दे दिया। आज्ञा को भानु प्रताप सिंह ने सर माथे रख कर पढ़ाई से अपने आप को विमुख कर लिया।
भानु प्रताप सिंह गांव चंदौली का रहने वाला, माता चंद्रमुखी 46 वर्ष सीधी सरल स्वभाव, एक बहन स्नेह लता सिंह उम्र 17 वर्ष चंचल चितवन स्वभाव की आठवीं कक्षा तक पढ़ाई उसके बाद घर में मां का कहने पर उनका गृह कार्य में हाथ बंटाना।
ठाकुर बलवंत सिंह कस्बे मुंशीगंज का रहने वाला जिसके पिता ठाकुर सुखवंत सिंह उम्र 49 वर्ष वाकपटुता चातुर्य, रौबदार व्यक्तित्व, की काफी खेती बाड़ी थी। जिसकी माता कौशल्या देवी उम्र 47 वर्ष सीधी,सरल स्वभाव,साधारण घरेलू महिला हैं। एक बहन कुसुम लता सिंह उम्र 18 वर्ष सीधी सरल स्वभाव की जिसने हाई स्कूल तक पढ़ाई करी उसके बाद घर के कार्य में मां का हाथ बंटाती है।
सूरज प्रताप सिंह गांव कासगंज का रहने वाला जिसके पिता चौधरी
सुखपाल सिंह उम्र 49 वर्ष वाकपटुता चातुर्य,रौबदार व्यक्तित्व ग्राम प्रधान के साथ साथ खेती बाड़ी भी संभालते हैं। पत्नी नर्मदा देवी उम्र 47 वर्ष सीधी सरल सौम्य स्वभाव की घरेलू महिला हैं। सूरज प्रताप सिंह की बहन माधुरी लता सिंह उम्र 18 वर्ष सीधी सरल स्वभाव की हाई स्कूल पास, मां के घरेलू कार्य में हाथ बंटाती।

क्रमश: