21 जनवरी 2015
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चरैवेति चरैवेति D
चन्द पंक्तियों मे सम्पूर्ण मनोकामना पूर्ण होने का संदेश।
24 मई 2015
उत्कृष्ट सह धन्यवाद
8 मई 2015
माँ की ममता की कहानी कहती है आपकी यह कविता .. धन्यवाद
16 मार्च 2015
कविता त्योहार का महत्व दर्शाती है
7 फरवरी 2015
ह्रदय को स्पर्श कर लिया आपकी इस कविता ने संजीव , आभार
29 जनवरी 2015
best
28 जनवरी 2015
आखो के रास्ते होती हुई दिल मै उतरने वाली रचना
गुड
22 जनवरी 2015
वाह
इस दिवाली, माँ की आँखें होंगी सजल, पिता का बढ़ेगा बाहुबल, छोटी बहना की मनेगी राखी, संगिनी को मिलेगा साथी, बेटा मनाएगा उल्लास की होली, और बिटिया रानी रचेगी खुशियों की रंगोली , इस दिवाली होंगी... माँ की आँखें सजल........
एक अरसा गुजर गया, अपने बीते बचपन को देखे, माटी की सौंधी सौंधी खूशबू, बारिश की पहली फुहार में भीगना, नंगे पाँव खेत खलिहान की दौड़, उधर बरखा ने जोर पकड़ा, और इधर चले पे पकोड़ों ने, बारिश की वजह से कच्चे आँगन में, जगह जगह पानी में रेलम-पेल सी मच गयी, बच्चों ने रद्दी से नाव बना डाली, उनम
बन राधा हम आधे, बिन श्याम हुआ जग सुना सा ॥श्याम नाम की माला में,जोड़े हैं मैंने कुछ मनके,वो मनके हैं राधा रानी के,उस प्रेम दीवानी मीरा के, उन वृन्दावन की गोपीन के ।राधा रानी के मनके से, श्याम धाम की कृपा रहेगी ।मीरा का मनका जपने से,अंतर्तम में प्रेम जगेगा।वृन्दावन की गोपिन से, विशुद्ध प्रेम की सिख म
काफी दूरियां तय की थी उनके वास्ते, पर अफ़सोस की उन्होंने हमसे ही दूरियां बना ली ।हर आहट पर चौकता हूँ उनके आने की आस है , क्या आएंगे वो जिन्हे किसी और की आस है ॥
गेहूं की बाली,फागुन की होलीरात पहर में होलिकाजलीभोर में राखी,प्रातराश में धूलिपौ फटते ही आ गयीहोलीलाल हरे और नीले पीलेसारे रंग में रंगेहैं लोगइर्ष्या द्वेष को रखपरेप्यार के रंग मेंरंगे हैं लोगगेहूं की बाली फागुनकी होली.. गेहूं की बाली फागुन की होली.. सूरज चढ़ते लग गयीभंगगली गली में फाग केरंगभंग के सं
हे राष्ट्रध्वज,करता हूँ वंदनशीश झुका कर करूँ नमन मैंतू तीन रंगों का अद्भुत संगमलगा दी डुबकी ऐ मेरे हमदमकेसरिया से शौर्य की गाथाश्वेत सिखाये शांति की भाषाहरित है द्योतक हरियाली का चक्र दिखाए प्रगति की गाथातू तीन रंगों का अद्भुत मेलरंगें हुए हैं हर मजहब में शौर्य बढ़ा है जय जवान से शांति की भाषा है
चलो आज तुमने सिरे सेनकारा तो नहीं, क्या हुआ गर प्यार सेपुकारा तो नहीं, काफी है यह एक अहसास मेरेखुश रहने को,कि तुम्हे भी दर्द हैहमारे एक ना हो पाने का,यह जीवन साथ ना बिता पानेका |मालूम है तुमको...? तुम्हे आसान होता होगा,मगर मैं... हर पल.. तुम्हारी ही विरहवेदना में जिया.. गला.. घुटा |चलो अब तुम्हारे ह