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हमारा मस्तिष्क दो हिस्सों में है एक अवचेतन मन और दूसरा चेतन मन इसीलिए हम इंसानों की यह प्रवर्ती है कि हम रहते तो हमेशा आज में हैं सभी कार्य करते तो आज में परन्तु हमारी सोंच और हमारा मन या तो भविष्य मे