ख्वाब आंखों में तेरे ही समाए है
कुछ लम्हे दिल में यूं उतर आए है
ये सरूर तेरा है या मेरी तिश्नगी* का
हर तरफ क्यों मौजूद फिर तेरे साए हैं
* तिश्नगी : प्यास. लालसा
6 सितम्बर 2021
2 फ़ॉलोअर्स
वक्त गुजर गए सारे मेरे हाथ मलते रहेगए साए मेरे ना समज सका मैं रिश्तो को अपने भी होगए पराए मेरेD