जुदा नहीं है तू मुझसे तू मेरे सांसों में समाई है
मेरे अश्कों के बूंदों मे तेरी धुंधली सी परछाई है
by - vinod solanki
7 सितम्बर 2021
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वक्त गुजर गए सारे मेरे हाथ मलते रहेगए साए मेरे ना समज सका मैं रिश्तो को अपने भी होगए पराए मेरेD