प्रथम वन्दनीय श्री गणेश
अजं निर्विकल्पं निराकारमेकं
निरातंकमद्वैतमानन्दपूर्णम्
परं नि्गुणं निर्विशेषं निरीहं
परब्रह्मरुपं गणेशं भजे।।
गणेश जी अजन्मा ,निर्विकार ,निराकार और उस दिव्य चेतना के प्रतीक हैं ,जो सर्वव्यापी है।गणेश जी सृष्टि में संचालित ऊर्जा का माध्यम है,वही ऊर्जा जिससे सब कुछ चलायमान होता है और फिर उसमें ही सब कुछ विलीन हो जाता है।
भारतीय संस्कृति में प्रथम पूज्य श्री गणेश चेतना ,जागृति और एकजुटता के प्रतीक हैं । श्री गणेश अद्भुत व्यक्तित्व ,विलक्षण बुद्धि और सिद्धि के दाता हैं।
श्री गणेश संपूर्णता और समूह के आदि स्वरूप है।विशिष्ट व्यक्तित्व ,विलक्षण बुद्धि और सिद्धि के दाता श्री गणेश जी ने व्यास जी के मुख से निकले शब्दों को लिपिबद्ध कर ,महाभारत जैसे महान ग्रंथ की रचना की ।श्रीदिव्य स्वरूप गणेश जी का शरीर हाथी का है,हाथी ज्ञान और कर्म के साथ प्रखर बुद्धि,शिष्ट एवं विशालता का प्रतीक है । हाथी का स्वभाव है,कि अवरोधों को हटाते हुए आगे बढ़ता है ,ऐसी ही प्रखर बुद्धि हमारी भी होनी चाहिए ,हमें जीवन के मार्ग में आए अवरोध रूपी कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए और विजय के प्रति सदैव अग्रसर होना चाहिए ,ऐसा तभी संभव है जब हम श्री गणेश जी के सिर की तरह अपनी सोच को भी बड़ा रक्खें,गणेश जी का उदर विशालता का प्रतिबिंब है ,,गणेश जी का उदर यह संदेश देता है कि हमें अच्छी बुरी बातों को अपने भीतर समाहित कर ,अपनी बुद्धि से ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
गणेश जी का वाहन चूहा है,चूहे की विशेषता होती है कि वह उन सभी बंधनों को काट देता है ,जो हमें बांधते हैं ,गणेश जी का चूहा अज्ञान की परतों को काटने का संदेश देता है ,ताकि परम ज्ञान की ओर बढ़ा जा सके ।
गणेश जी का प्रथम नाम एकदंत है जो मन की एकाग्रता का प्रतीक है।वक्रतुंड उनकी मुड़ी हुई सूंड का स्वरूप है ,जो ईर्ष्या द्वेष को दूर कर सभी को जीने का संदेश देती है ।
पृथ्वी हमारी माता है और हम उसकी संतान हैं ,प्रकृति श्री गणेश जी का ही स्वरुप है,मुद्गल पुराण के अनुसार श्री गणेश जी ने विश्व को आसुरी शक्तियों से बचने के लिए आठ अवतार लिए ।
गणेश चतुर्थी पर हमें श्रद्धापूर्वक गणेश जी के सर्वव्यापी दिव्य स्वरूप का ध्यान करते हुए उनके दिव्य स्वरूप से मिलने वाली शिक्षाओं को जीवन में धारण करना चाहिए । श्री गणेश हमारे भीतर अवतरित हो और उनकी शिक्षाएं हमारे जीवन का आधार बने ,ऐसी भावनाओं के साथ और श्रद्धापूर्वक हमें गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय करना चाहिए।
जया शर्मा प्रियंवदा