प्रसन्नता और स्वास्थ्य
हमेशा प्रसन्न रहने की आदत आपको मानसिक मजबूती प्रदान करती है। शारीरिक स्वास्थ्य में प्रसन्न मन का बहुत बड़ा योगदान हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति मानसिक परेशानियों के कारण हृदय रोग का शिकार बन सकता है जो बहुत ज्यादा घातक भी हो सकता है ।
इसलिए मानसिक तनाव से बचने के लिए हमेशा अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए और हर संभव अपने आसपास के माहौल को खुशनुमा बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
उचित रहन-सहन और उचित खान-पान से हमारा शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रहता है।
हमेशा स्वच्छ और ताजा खाना ही खाना चाहिए।
मेरी दादी कहा करती थी, कि दिन में आप स्वाद के अनुसार थोड़ा ज्यादा खा लो पर रात में हमेशा भूख से आधी रोटी कम ही खानी चाहिए, जिससे व्यक्ति कभी भी पेट के रोगों का शिकार नहीं होता
शारीरिक श्रम को अपने दिनचर्या का महत्वपूर्ण पहलू बनाना चाहिए, शरीर को कम से कम आराम देने की कोशिश करनी चाहिए, रोजाना प्रात काल योगासन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है पर कभी-कभी अपने स्वादानुसार अगर हमने ज्यादा मीठा खा लिया है तो उस कैलोरी को बर्न करने के लिए अतिरिक्त एक्सरसाइज या वॉक करनी चाहिए तो कभी भी हमको मीठा परेशान नहीं करेगा।
और कभी जीभ चटकारे लेकर ज्यादा चटपटे भोजन की डिमांड करें तो उस डिमांड को पूरा करके अतिरिक्त पानी पी पीकर उसकी उष्णता को शरीर से निकालने की कोशिश करके, हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
उचित और ताजे खानपान के लिए हमें अपने मन को मारना नहीं है परंतु ज्यादा जीभ के स्वाद के चक्कर में खाले तो उस कैलोरी को अतिरिक्त योगासन से वर्न करके हम उचित स्वास्थ्य पा सकते हैं ।
सबसे महत्वपूर्ण हेल्थ टिप्स है अपनी रूचि के अनुसार लोगों से मिलिए, अच्छी-अच्छी बातें उनकी सुनिए और अपनी सुनाइए । मनपसंद संगीत सुनिए, नृत्य करने का मन करे तो नृत्य कीजिए। यह आपके मन और शरीर को एक्टिव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
जया शर्मा प्रियंवदा