5 जून 2022
अंग भंग करके पृथ्वी का, किया आवरण पर आघात,दोहन, शोषण चले अनवरत, जंगल बंजर हुए बलात।एक दिवस रोने गाने से, पर्यावरण नहीं बचता है,जब तक मर्दन नहीं रुकेगा,