प्रकृति, पर्यावरण और हम: पानीवाले बाबा: राजेंद्रसिंह राणा
सूखे और अकाल के रेगिस्तान में हरियाली जैसे लगनेवाले कुछ उदाहरण भी हैं! उनमें से एक है राजेन्द्रसिंह राणा जी अर्थात् भारत के पानीवाले बाबा (Waterman of India)! आज यह इन्सान कई राज्यों के अकाल से संघर्ष करता हुआ नजर आता है| पहले राजस्थान के कई गाँवों मे जोहड़ और जलस्रोतों को पुनरुज्जीवित करने के बाद आज वे देशभर जाते रहते हैं और लोगों को पानी के संग्रह का महत्त्व बताते हैं| साथ में कई सरकारी योजनाओं को भी मार्गदर्शन देते हैं| द गार्डियन ने उनका नाम उन ५० लोगों की सूचि में रखा है जो इस ग्रह को बचा सकते हैं|
इस पानीवाले बाबा से मिलना हुआ महाराष्ट्र के नान्देड जिले के देगलूर गाँव में| देगलूर में विश्व परिवार नाम के एक संघटन के 'अकाल निवारण परिषद' में जाना हुआ| वहाँ पहली बार इन महामना से मिलना हुआ| उनके भाषण को सुनने का अनुभव अनुठा था| उन्हे सुन कर बहुत विशेष लगा| पहली बात तो वे बड़ी यात्रा कर आए| उनकी ट्रेन छह घण्टा लेट थी| ट्रेन के बाद दो घण्टे का सफर उन्होने किया| लोग काफी समय से प्रतीक्षा कर रहे थे, इसलिए बिना रेस्ट हाऊस गए, वे सीधा कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे| और उनका एकदम अनौपचारिक शैलि का भाषण हुआ| भाषण कहना नही चाहिए, मैत्रीपूर्ण बातचीत कहनी चाहिए| उन्हे सुनते हुए लगा कि ऐसा यह कोई अपना जाना पहचाना डाक्टर है जो हमारी बीमारी का ठीक इलाज जानता है|