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दुनिया के प्रमुख देशों में पर्यावरण की स्थिति

13 जून 2016

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इस्राएल की बात हमने पीछले लेख में की| इस्राएल जल संवर्धन का रोल मॉडेल हो चुका है| दुनिया में अन्य ऐसे कुछ देश है| जो देश पर्यावरण के सम्बन्ध में दुनिया के मुख्य देश हैं, उनके बारे में बात करते हैं| एनवायरनमेंटल परफार्मंस इंडेक्स ने दुनिया के १८० देशों में पर्यावरण की स्थिति की रैंकिंग की है| देशों में पर्यावरण का कार्य कैसे चल रहा हैं, इसका यह एक मापदण्ड कहा जा सकता है| इस रैंकिंग में सबसे उपर के पाँच देश ये हैं- फिनलैंड, आईसलैंड, स्वीडन, डेन्मार्क और स्लोवेनिया| और जो सबसे नीचले देश हैं वे ऐसे हैं- अफघनिस्तान, नायजर, मादागास्कर, एर्ट्रिया और सोमालिया| विशेष बात यह है कि जो देश सबसे उपरी हैं उनमें पाँच देश उत्तर युरोप के प्रगत देश हैं और सिर्फ स्लोवेनिया उनकी तुलना में थोड़ा कम प्रगत देश है| और सबसे नीचे होनेवाले देश मुख्य रूप से राजनीतिक अस्थिरता होनेवाले देश हैं| सौभाग्य की बात है कि इस देश में सबसे नीचले देशों की सूचि में भारत नही हैं| इस रैंकिंग के कई निकष हैं- जैसे सरकार पर्यावरण के लिए कितनी प्रतिबद्ध हैं, प्रदूषण का स्तर कैसा हैं, कार्बन इमिशन्स कितने अनुपात में हैं, प्रजातियों के संवर्धन की क्या स्थिति है, पानी की एवलिबिलिटी कैसी हैं आदि|


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13 जून 2016
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प्रकृति, पर्यावरण और हम: कुछ कड़वे प्रश्न और कुछ कड़वे उत्तर

28 जून 2016
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पर्यावरण के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए हमने कई पहलू देखे| वन, पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन के कई प्रयासों पर संक्षेप में चर्चा भी की| कई व्यक्ति, गाँव तथा संस्थान इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहे हैं| लेकिन जब हम इस सारे विषय को इकठ्ठा देखते हैं, तो हमारे सामने कई अप्रिय प्रश्न उपस्थित ह

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इन्सान ही प्रश्न और इन्सान ही उत्तर

4 जुलाई 2016
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उत्तराखण्ड में हो रही‌ तबाही २०१३ के प्रलय की याद दिला रही है| एक तरह से वही विपदा फिर आयी है| देखा जाए तो इसमें अप्रत्याशित कुछ भी नही है| जो हो रहा है, वह बिल्कुल साधारण नही है, लेकिन पीछले छह- सात सालों में निरंतर होता जा रहा है| हर बरसात के सीजन में लैंड स्लाईडस, बादल फटना, नदियों को बाढ और जान-

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चेतावनी प्रकृति की: २०१३ की उत्तराखण्ड आपदा के अनुभव १

11 जुलाई 2016
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19 जुलाई 2016
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