12 जून 2022
* सकल सौच करि राम नहावा। सुचि सुजान बट छीर मगावा॥अनुज सहित सिर जटा बनाए। देखि सुमंत्र नयन जल छाए॥भावार्थ:-शौच के सब कार्य करके (नित्य) पवित्र और सुजान श्री रामचन्द्रजी ने स्नान किया। फिर बड़ का दूध मँ