इतिहास अपने समय की गवाही देता है। यदि ऐतिहासिक समाज को समझना हो तो और साहित्य की पाठकों की बड़ी मदद करता है। आचार्य चतुरसेन के उपन्यास ऐतिहासिक तौर पर अपने समय और समाज की बदलती हुई सामाजिक संरचना को बहुत ही बारीकी ढंग से उकेरते थे। पूर्णाहुति उपन्यास भी पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता के प्यार और अमर बलिदान की कहानी को रेखांकित करता है। इस उपन्यास में न सिर्फ प्रेम का उच्च स्तर दिखाया गया है बल्कि देशभक्ति और वीरता की कहानी भी पाठकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगी। आचार्य चतुरसेन का यह उपन्यास आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि उस समय में था।.
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