आकांक्षा अभी सिर्फ 5 वर्ष की है। उसके परिवार में 1 भाई और 2 बहनें हैं। आकांक्षा बहुत ही निर्धन परिवार से हैं। आकांक्षा भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। आकांक्षा जब 13 वर्ष की हुई थी
तब ही उसकी माता को t. b. (ट्यूबरक्यूलोसिस माइक्रोबेसिलस) नामक रोग ने घेर लिया था तथा निर्धनता व पैसों की कमी के कारण उनका इलाज न हो सका वे परलोक सिधार गई। इतनी छोटी-सी उम्र में माँ का साया न होने पर आकांक्षा व छोटे भाई-बहन का ध्यान उनके पिताजी रखते थे।
आकांक्षा सुबह जल्दी उठती व सारा काम निपटा कर विद्यालय जाती और विद्यालय से आ कर अपने भाई-बहनों को भी पढ़ाती ।
विद्यालय में नए सत्र की शुरुआत हुई और सभी बालक -बालिकाऐं बड़ी उमंग व उत्साह के साथ विद्यालय आए और आकांक्षा की कक्षा में भी नए बच्चों के दाखिले हुए। उनमें से एक लड़के का नाम "राहुल" था।
_नेहा खत्री
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