जिंदगी के हर अहसास के,अंदाज निराले होते हैं।प्रकृति यह है मनुष्य की,कभी हंसते कभी रोते हैं।।दोस्ती:-दोस्ती है प्रेम का रिश्ता,जो दिल में पैदा होता है।हर मनुष्य के जीवन में,एक सच्चा दोस्त होता है।।जहां
🌹बड़े खिले - खिले लग रहे हो तुम?🌿🌿सच बताना किस से मिलकर आ रहे हो ?🌹🌹पहले जैसे नहीं मिल रहे हो तुम ।🌿🌿सच बताना कौन है वो ?🌹🌹 जब भी देखो तुम किसी ख्यालों में खोए रहते हो ।🌿🌿लगता है तुम किसी औ
❤️इंसान की असलियत देखकर, आज ख़ुदा भी हैरान और खामोश है।😐 जान भी दे दो तो लोग नहीं पूछेंगे..हर बंदा यहाँ एहसान फरामोश है.....😑किसी को मासूम समझकर,यकीन मत कर लेना ..ऐ दोस्त!सब यहाँ नकाबपोश हैं ।&
💖ये इश्क भी अजीब एहसास होता है...अल्फाजों से ज्यादा निगाहो👁️ से बया होता है...💖 हर पल बस उसके गम और खुशी की फ्रिक होती है...💖 एक बार अंखियों 👁️के
नमस्कार दोस्त , फिर से हाजिर हु आप के लिए नई रचना लेकर - आज की इस रचना को विषय है बचपन की दोस्ती , ऐ विषय और टैग मेरा बहुत पसंदीदा विषय है , इस विषय पे मेरी एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है " लंगोटिया
कहते हैं ना , आप आये कभी हमारे स्थान पर एक कप कॉफी पर , एक कप कॉफी पर बहुत कुछ हो सकता है। हालांकि यहां मेरा मतलब युवाओं की रोमांटिक डेट से नहीं है, बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति के साथ बिताया हुवा कुछ म
जिंदगी दर्द का दरिया... सुन ऐ जिंदगी मेरी आंखों में आसूं है मगर टूटी नही हूं रो रही हूं बेशक मगर कमजोर नहीं हूं जिंदगी दर्द का दरिया है मेरी कस्ती भंवर में फसी है होंसले बुलंद ह
तुम... तुम बस साथ दो मेरा... मुझे येह कहना हैं... थाम लो हाथ मेरा... मुझे तुम्हारे साथ रहना हैं... दूर करके तुम्हारे गम... मुझे खुशी तुम्हे देनी हैं... साथ दो मेरा हर मोडपर... यही बात दिल से बतानी ह
काव्या उनके साथ गुजरात चली जाती हैं पर उसके तन व मन पर तो जैसे वहार आने से पहले हीं पतझड़ आ गया हो वह वहां भी कई दिन घर में हीं बिता देती हैं और हाल पहले से भी बुरा होने लगता हैं । ****************"**
कैसे कहूं कितनी कशिश,अपने पिछे वो छोड़ गए,दोस्त चले गए जिंदगी से,बस यादें सारी पीछे रह गई।बचपन से अब तक के सफ़र में,एक से बढ़कर एक जुड़ते गए,कुछ हमसे छूट गए मजबूरी में,कुछ हाथ छोड़कर चले गए।हर कोई मेर
इधर काव्या भेज तो देती हैं पर खुद को नहीं समझा पाती और हर बख्त उदास खोई खोई रहती हैं उधर हाल उसका भी वही था न काव्या का पढ़ाई में मन लगता हैं न वेद का काम में एक दिन वेद अपनी बाइक से जा रहा होता हैं औ
आकांक्षा अभी सिर्फ 5 वर्ष की है। उसके परिवार में 1 भाई और 2 बहनें हैं। आकांक्षा बहुत ही निर्धन परिवार से हैं। आकांक्षा भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। आकांक्षा जब 13 वर्ष की हुई थी &nb
मित्र के घर का रास्ता कभी लम्बा नहीं होता है।। मित्रों का भला करने वाला अपना भला करता है।। बिना विश्वास कभी मित्रता चिर स्थाई नहीं रहती है। मैत्री में महज औपचरिकता अधूरेपन को दर्शाती है।। दूसर
*जीवन में जिस प्रकार मनुष्य को आदर्श माता-पिता एवं आदर्श गुरु तथा एक आदर्श समाज उच्चता के शिखर पर ले जाता है उसी प्रकार एक सच्चा एवं आदर्श मित्र मनुष्य को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है ! इस संसा
अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है दिया है हुस्न मौला ने दिखाना भी ज़रूरी है इशारा तो करो मुझको कभी अपनी निगाहों से अगर है इश्क़ मुझसे तो जताना भी ज़रूरी है अगर कर ले सभी ये काम झगड़
मेरे जिदंगी के सफ़र में,जुड़ने आए कुछ दोस्त,अनमोल एक से बढ़कर,एक है वो प्यारे नगीने।कुछ का कुछ है भाता,कुछ का कुछ याद आता,कुछ तो बहुत इरिटेट करते,पर हर पल मेरे वो कहलाते।कुछ का कमाल ऐसा है की,मुरझे मन
भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है । ऐसे मित्र जो सबके काम आते है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होती है । जीवन के हर डगर काम आ
कविता शीर्षक - मेरे मित्र भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है । ऐसे मित्र जो सबके काम आते है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होत
कविता शीर्षक - मेरे मित्र भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है । ऐसे मित्र जो सबके काम आते है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होत
शीर्षक --अनमोल गहना दोस्ती का अनमोल गहना है जिंदगी में दोस्ती,जो सबकी जिंदगी में आती है।ये वो खुशबू है जो जिंदगी को,खुद ब खुद महका जाती है।दोस्ती तो दोस्ती होती है,जो रब की दी हुई सबसे,खूबस