"घर का भेदी"-चौपाई छंद"
नाम विभीषण वही कहाये।दुश्मन से जो जा मिल जाये।
घर का भेदी लंका ढाये।यही कहावत चलती आये।
भारत में यह हर घर पाये।पर नाम ये न कोइ रखाये।
चाहे कोइ धर्म अड़ जाये।भाई भाई ना लड़ जाये।
करोगे काम जयचन्दों का।दाग लगेगा बदनामी का।
जयचन्द ने देश को तोड़ा।लालच में मां को ना छोड़ा।
प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"
01/11/2021
चौपाई छंद-प्रत्येक चरण 16-16 मात्राएं।