आज छह सात महीनों बाद मंच पर आई और कारण दो हैं। एक तो व्यस्तता क्योंकि और भी कई मंचों पर लिखती हूं। दूसरा जब भी आई बाई चांस प्रोफाइल खुलने में दिक्कत आई और फिर झुंझलाकर वापसी कर ली। आज एक मेल शब्द इन का एक मेल मिला जहां शब्द इन में किये परिवर्तन के बारे में बताया तो फिर कोशिश की और आखिर में दो तीन बार के प्रयास में प्रोफाइल खुल गयी।
और मैं हाजिर होगयी। अभी तो मैं यहां चल रही दैनिक कार्यक्रम प्रतियोगिता आदि के बारे में जानकारी लूंगी फिर मुझे क्या लिखना है इसके बारे में सोचूंगी तभी अपनी कहानी कविता या लेख डायरी जो भी उचित लगेगा, लिखुंगी।
प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"
- 16/06/2022