जी लो
हर पल को
जी भरके
पता नहीं,
किस पल में,
क्या छिपा हो?
छोटी-छोटी बातों में
जीवन का स्पन्दन है।
क्यूंकि
जीवन का पलड़ा
हमेशा मृत्यू पै भारी है।
किस क्षण क्या हो जाये.?
मानव की लाचारी है।।
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प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"
02/01/2022
2 जनवरी 2022
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हिन्दी प्राध्यापिका करनाल, हरियाणा लिखने पढने का शौक जो अब हाबी बन गया है। लेखन की गद्य पद्य विधाओं में लेखन। विभिन्न मंचों पर लेखन और पुरस्कृत। D