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पल/क्षण

2 जनवरी 2022

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जी लो
हर पल को 
जी भरके
पता नहीं,
किस पल में,
क्या छिपा हो?

छोटी-छोटी बातों में
जीवन का स्पन्दन है। 
क्यूंकि
जीवन का पलड़ा 
हमेशा मृत्यू पै भारी है।
किस क्षण क्या हो जाये.? 
मानव की लाचारी है।। 
*****
प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"
02/01/2022

2 जनवरी 2022

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

1 फरवरी 2022

धन्यवाद जी 🙏🙏🙏

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रचनाएँ
"कुछ कहना है"
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मन की बातें जो मन में यकायक आ जातीं और विचारों के प्रवाह में शब्द ढल जाते हैं। कविता रूप में और कोई मुद्दा समस्या, भाव एक रूप लेकर साक्षात हो जाते हैं।

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