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            "क्या मुझे कविता नहीं आती" 

15 सितम्बर 2022

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मुझे कविता नहीं आती
मैं कवि नहीं हूँ
फिर भी यह दिल की
धड़कन कुछ सुना जाती
रोज़ चलते रुक जाता हूँ
सोचता क्या मुझे कविता नहीं आती
कविता क्या है,
भावनाओं का संसार
शब्दों का मेल - जोल
रसो की प्रावाह
क्या मुझे कविता नहीं आती
जब मैं कल्पना रुपी सागर में
जाता हूँ सोच में पड़ जाता हूँ
क्या सच, क्या झुठ
इसी चक्कर में डुब
जाता हूँ खुब
खोजता हूं मैं खुद को
मिलता कोई ओर है
रोकता हूं खुद को
रुकता कोई ओर हैं
क्या मुझे कविता नहीं आती है 

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अनुपम की डायरी
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यह किताब मेरी डायरी के कुछ पन्नों का हिस्सा है।
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परीक्षाभवन में आज फिर होने लगा आत्ममंथन मेराकाश कुछ पढ़ा होता याद कुछ करा होताप्रश्नपत्र देखते ही मेरा सर चकरा गयापढ़ी थी अमोनिया, फास्फोरस आ गयाछात्र एकता संकल्प हमारा हैआज तो बस नकल का ही सहारा हैमैंन

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            "क्या मुझे कविता नहीं आती" 

15 सितम्बर 2022
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मुझे कविता नहीं आतीमैं कवि नहीं हूँफिर भी यह दिल कीधड़कन कुछ सुना जातीरोज़ चलते रुक जाता हूँसोचता क्या मुझे कविता नहीं आतीकविता क्या है,भावनाओं का संसारशब्दों का मेल - जोलरसो की प्रावाहक्या मुझे कविता

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हिन्दी

15 सितम्बर 2022
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वह थी नन्ही सी लड़कीवह थी नन्ही सी लड़की मा-बाबा ने उसे बहुत प्यार किया खुब शरारती, खुब नटखट जिसके पास जाती अपना बन जाती हुई वह पाँच वर्ष की जाने लगी वह स्कूल में कुछ नहीं था तकलीफ जीवन में 

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