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अनुपम की डायरी

Anupam kumar Ram

3 अध्याय
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यह किताब मेरी डायरी के कुछ पन्नों का हिस्सा है।  

anupam ki dir

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पुस्तक के भाग

1

परीक्षाभवन

15 सितम्बर 2022
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परीक्षाभवन में आज फिर होने लगा आत्ममंथन मेराकाश कुछ पढ़ा होता याद कुछ करा होताप्रश्नपत्र देखते ही मेरा सर चकरा गयापढ़ी थी अमोनिया, फास्फोरस आ गयाछात्र एकता संकल्प हमारा हैआज तो बस नकल का ही सहारा हैमैंन

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            "क्या मुझे कविता नहीं आती" 

15 सितम्बर 2022
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मुझे कविता नहीं आतीमैं कवि नहीं हूँफिर भी यह दिल कीधड़कन कुछ सुना जातीरोज़ चलते रुक जाता हूँसोचता क्या मुझे कविता नहीं आतीकविता क्या है,भावनाओं का संसारशब्दों का मेल - जोलरसो की प्रावाहक्या मुझे कविता

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हिन्दी

15 सितम्बर 2022
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वह थी नन्ही सी लड़कीवह थी नन्ही सी लड़की मा-बाबा ने उसे बहुत प्यार किया खुब शरारती, खुब नटखट जिसके पास जाती अपना बन जाती हुई वह पाँच वर्ष की जाने लगी वह स्कूल में कुछ नहीं था तकलीफ जीवन में 

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