26 जुलाई 2022
हर दर्द की कसक, मैं इक आह से सेक लेता हूँबेगुनाह अश्क़ कागज़ पर गिराता हूँ फेक देता हूँज़ब जहाँ तमाशा सी लगती है ज़िन्दगी मुझे मेरीउठता हूँ महफ़िल से, ख़्वाबों को लपेट लेता हूँजिस चीज की, हैसियत नहीं है मेर