राजस्थान की अमानवीय घटना
राजस्थान के आदिवासी बहुल प्रतापगढ़ ज़िले में एक महिला को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने के मामले में अब तक दस लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रतापगढ़ का दौरा किया और मीडिया को इन गिरफ़्तारियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में जिनके भी नाम सामने आएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने पीड़ित महिला से भी मुलाकात की और 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. अशोक गहलोत ने कहा कि अपराधियों के ख़िलाफ़ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलाया जाएगा. प्रतापगढ़ के धरियावद की इस घटना के दौरान लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जो वायरल हो गए. ये घटना 31 अगस्त की है. पुलिस का कहना है कि उन्हें एक सितंबर की रात आठ बजे वीडियो के ज़रिए घटना की जानकारी मिली।
इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने 30 टीमों का गठन किया है. स्थानीय पुलिस अब तक सात लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है और चार अन्य अभियुक्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है और कहा है कि घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई जो अस्वीकार्य है.
आयोग ने सोशल मीडिया पर लिखा, "राजस्थान के प्रतापगढ़ में हुई घटना का राष्ट्रीय महिला आयोग कड़ी निंदा करता है. एक महिला का उत्पीड़न किया गया, उसे निर्वस्त्र किया गया और इसका वीडियो भी बनाया गया. घटना को दो दिन बीत चुके हैं लेकिन पुलिस की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, ये स्वीकार योग्य नहीं है."
"आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने राज्य के डीपीजी को आदेश दिया है कि अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उन पर आईपीसी की उचित धारा के तहत मामला चलाया जाए. राजस्थान सरकार इस बारे में पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करे."
सच तो यह हमारे भारत में नारी सम्मान और सशक्त महिला सुरक्षित है। न्याय और समानभाव सख़्त जांच के साथ दण्ड प्रक्रिया हो।