तन माटी का जीवन का सच हैं।
न तेरा न मेरा चलता फिरता मेला हैं।
रंगमंच का नाम तन माटी समय हैं।
मुस्कुराती नाचती गाती जिंदगी हैं।
हां हमसफ़र भी तन माटी का हैं।
सोच न साथ किसी का नाम हैं।
प्रेम चाहत में तन माटी का होता हैंं।
आज आधुनिक परिवेश में रहते हैं।
मन भावों में रिश्ते तन माटी का हैं।
छल फरेब और स्वार्थ मेरा मन हैं।
सच और हकीकत तन माटी का हैं।
न संग साथ बस सांसों का बसेरा हैं।
तेरा मेरा रिश्ता बस तन माटी का हैं।
आज जिंदगी जी लो कल न आता हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र