“रोला छंद”कृपा करो हे नाथ साथ मानव मिल जाएसरयू तट रघुनाथ अयोध्या महल बनाए सीता जी का साथ पवनसुत जहाँ विराजें धन्य ज्ञान वह भूमि जन्म श्री राम सुराजे॥लंका जीते राम राक्षसी कुल को तारेएक वाटिका नाम अशोक सिया पद न्यारे हनुमान लिए खोज मनोज निशाचर मारे रिक्त न हो संसार ग