shabd-logo

क्रूस क्यों घमंड का कारण है?

3 अप्रैल 2022

23 बार देखा गया 23


देता  मुझको  तंगी  में  आशिषें 
घटी   के  समय  देता   बरकतें
खाली जीवन को देता भरपूरी
क्रूस इसलिए घमंड का कारण है।

जो समाज संगति से दूर करता
वो  अशुद्धता   को  दूर  करता
अशुद्धता से पवित्रता में लाता
क्रूस इसलिए घमंड का कारण है।

जो दुर्बलता  में भी  बल देता
असहाय   को  सामर्थ   देता
बोझों  को  भी  उनके   लेता
क्रूस इसलिए घमंड का कारण है।

जो  पापों  में  जकड़े  हुए  हैं
बंधनों  से  वो  मुक्ति  देता  है
मृत्यु  से  भी  छुटकारा  देता
क्रूस इसलिए घमंड का कारण है।।

असंतुष्टता  से  भरा  जो  जीवन
उस  जीवन  में  भरता  सुख  चैन 
निराशा में भी हमको आशा देता
क्रूस इसलिए घमंड का कारण है।।

            महेन्द्र "अटकलपच्चू" ललितपुर(उ. प्र.)
            मो.  +918858899720
             रचना दिनांक–31/03/2022
____________________________________



28
रचनाएँ
मेरी रचना
0.0
"मेरी रचना" कविता संग्रह है जो मेरी भावनाओं को दर्शाता है।
1

मंजिल

14 फरवरी 2022
4
1
2

थक गया हूं रोटी के पीछे भाग भाग करथक गया हूं दिन रात जाग जाग करकरूंगा अब अपने हाथों से मेहनतथक गया हूं अपने से भाग भाग कर।।१।।रुक जा अब तो अपने से मत भागहो गई सुबह अब नीद से जागकर कुछ काम इस दिन में&n

2

गरीब

14 फरवरी 2022
1
0
0

&nb

3

आदमी की पहचान

16 फरवरी 2022
1
1
1

आपके सामने मैं भरसक कोशिश करूंगा ईमानदार, होशियार, आपका तलबगार, वफादार आपका खैरख्वाह बना रहूं। पर शायद आप यह भूल जाते हैं कि मैं ऐसा हूं नही।। मैं तो मुंह में राम ब

4

मुक्तक

17 फरवरी 2022
0
0
0

बेस्वाद जिंदगी नमकीन करोगे कैसे? बिन ज्योति आगे बढ़ोगे कैसे? यीशु के बिन जग नीरस है बिन यीशु

5

नाम

18 फरवरी 2022
0
0
0

जीवन में प

6

रेल की खटर –पटर

19 फरवरी 2022
1
0
0

रेल की खटर–पटरमुझे कुछयाद दिलाती है,बहुत कुछ याद दिलाती है।याद दिलाती है अनवरत चलते रहने की,याद दिलाती है न रुकने की,याद दिलाती है मंजिल तकपहुंचने और पहुंचाने की।याद दिलाती है धूप–छांव में भीरंग न बदल

7

आम–आदमी

20 फरवरी 2022
1
0
0

जिसका पेट भरा हो, उसको क्या फर्क पड़ता आम आदमी ही , गरीबी में &

8

कोमल हृदय

21 फरवरी 2022
0
0
0

हँसता देखकर किसी कोमुझे भी हँसना आ जाता है।रोता देखकर किसी कोमुझे भी रोना आता है।।लगता है मेरे अंदर भी एक भावनाओं भरा कोमल हृदय हैआज समझा मैं।। &nbs

9

वो रहेगा

25 फरवरी 2022
0
0
0

हम थे, हम है, ये सब जानते हैं,हम होंगे, ये कोई नही जानता।न मैं, न तुम, कोई नही....बस एक बात जानता हूंवो था, वो है, वो रहेगा।। महेन्द्र "अटकलपच्चू" ल

10

रात का अंधेरा

26 फरवरी 2022
1
0
0

रात का अंधेराजिसने मुझे घेरामैं चिल्लायान तेरा न मेरा।रात का अंधेराबीत गया सबेराअब छोड़ोअपना डेरा।।रात का अंधेराचारों ओर घेराचुप हो जान कर तेरा,न कर मेरा।।चांद का डेराछाया घेराचला गया सारा अंधेरा

11

गीत

26 फरवरी 2022
0
0
0

जन्मा हमारा यीशु ( कोरस)प्यारा हमारा यीशुहम झूमें सभी, हम गाएं सभी -2यीशु है हमारा आया -2जन्मा_____________ईश्वर ने हमें चाह

12

डर

5 मार्च 2022
1
0
0

रात में जब सोता हूंतबअजीब से ख्याल आते हैं।कभी डर सा लगता हैतो कभी घुटन सी महसूस होती हैनींद भी उचट जाती हैकभी रोने को मन करता हैकभी हंसने का।बिस्तर से उठकर इधर-उधरटहल भी लेता हूं।दो एक घूंट पानी भी प

13

दो जात

8 मार्च 2022
0
0
0

संसार में दो ही जात हैएक औरतदूसरा आदमी।संसार में दो ही जात हैएक मानवएक दानव।संसार में दो ही जात हैएक गरीबदूसरा अमीर।संसार में दो ही जात हैएक पशुएक पक्षी।संसार में दो ही जात हैएक बुरादूसरा भला।संसार मे

14

चलना होगा

14 मार्च 2022
0
0
0

चलना होगा तब तकचलती है सांस जब तक।।दिवस, पाख,मास चलते सूरज, चांद, सितारेऋतुएं चलती, मौसम चलताचलते ग्रह–नक्षत्र सारे।।अचला चलती, नदियां चलतींचलतीं सागर की लहरें,नदियों के संग धारा चली,नदी, नाले और

15

रंगो की कहानी

22 मार्च 2022
1
0
0

सात रंग की अजब कहानी बरसों पहले कहती नानी ।। बैगनी रंग बैर मिटाता सबको &nbs

16

क्रूस क्यों घमंड का कारण है?

3 अप्रैल 2022
0
0
0

देता मुझको तंगी में आशिषें घटी के समय देता बरकतेंखाली जीवन को देता भरपूरीक्रूस इसलिए घमंड का कारण है।जो समाज संगति से दूर करतावो

17

रोजी–रोटी

18 अप्रैल 2022
0
0
0

रोजी की तलाश कर रहे हमयतीम की जिंदगी जी रहे हमभूख की मार सहन नही होतीधूप की गर्मी से सूख रहे हम।।भटक भटक कर थक गए है हमकिस मुसीबत में फंस गए है हमभूखे पेट अब रहा नहीं जातापेट की अगन से सूख गए है हम।।द

18

डर–२

23 अप्रैल 2022
2
0
1

जब भी अकेला होता हूंअजीब सा ख्याल आता है मन मेंन जाने क्योंऐसा लगता है किसच बोलने का डरसब में समाया है।क्षमा मांगने पर भीलोग बुरा मान जाते हैंस्वीकार लो अपनी गलती तो भी रूठ जाते हैं।गलत

19

पक्षपात

23 अप्रैल 2022
1
1
0

क्यों करते हैं अधिकारी,दोगुला व्यवहारसमान सहकर्मियों के साथ।एक को सर पर बिठाते हैदूसरे से मार मार मरीचि कहलवाते है।कुछ कहो तो धमकी देते हैनियम बनाने की।धमकी देते है वेतन काटने की।धमकी देते ह

20

भाग्य

26 अप्रैल 2022
0
0
0

आवश्यकता है कर्म की, साहस और परिश्रम कीभाग्य भरोसे मत रहनाचलो राह अब श्रम की ।बढ़ना जो चाहे आगेशुरुआत आज ही कर,जो पाना है लक्ष्य अपनापा अपने बलबूते पर।चढ़ती चींटी गिर गिर करमेहनत कर तू मर मर करभा

21

मजदूर

1 मई 2022
0
0
0

रात दिन मेहनत करता, जी भर पीता पानी ।तंगी में भी खुश रहतामजदूर तेरी यही कहानी।औरों की सेवा करतासर्दी गर्मी या बरसे प

22

अपनापन

28 जून 2022
1
1
1

मैं जानता हूं किमेरे अपने ने गलती की हैकिसी के साथ बुरा बर्ताव किया हैजान बूझ करधोखा दिया हैकिसी का बनता काम बिगाड़ा हैनीचे गिराने का भरसक प्रयास किया हैफिर भीमैंउसकी प्रशंसा करता हूंउसकी ता

23

मैं अकेला हूं

5 जुलाई 2022
0
0
0

नजर उठा कर देखा तोचारों ओर सन्नाटा है,कोई नजर नहीं आता मुझकोक्योंकि मैं अकेला हूं।।रात की खामोशी मेंझींगुर झें झें करते है,कोई नही कुछ कहता मुझसेक्योंकि मैं अकेला हूं।।चारों ओर काला घेरामेरा साथ निभात

24

पैगाम दो

12 अगस्त 2022
0
0
0

कोई कील बन सताए, हथौड़ा ठोक दोबन कटार दुश्मन के सीने में भोंक दो।ये देश है वीर जवानों का मस्तानों काहै आग सीने में, दुश्मन को झोंक दो।।न देख सकें दुश्मन की आंखे इस ओरऐसा मचा दो दुश्मन के दिलों में शोर

25

जिन्दगी

14 फरवरी 2023
1
0
0

शजिन्दगी कट रही हैटुकड़ों में बंट रही हैदेखता हूं रोज उसको दर दर भटक रही है।।रिश्तों में अब रस नहींकिसी में अब तरस नहींसोचता हूं रोज क्यों,

26

विशेषता

16 जनवरी 2024
0
0
0

शीर्षक- विशेषता कई बच्चे एक बच्चे की हँसी उड़ा रहे थे। और वहीं गाँव के सरपंच आ रहे थे।। बच्चों को इस कारण हँसी आ रही थी। उस बच्चे के पैरों में छह-छह उंगलियाँ थी।। बेचारा वह बच्चा शर्म के मारे रो रहा थ

27

पावती

17 जनवरी 2024
0
0
0

एक पर्यटक एक होटल मे आया।उसे एक कमरा बहुत मन भाया।।उसने वह कमरा किराये पर लिया।महीने भर का पूर्व भुगतान किया।।होटल वाले ने कहा आनन्दपूर्वक रहिए।पर श्रीमान क्या आपको पावती चाहिए।।पर्यटक बोला इसकी जरूरत

28

प्रभु की शरण

17 जनवरी 2024
0
0
0

क्यों लगता है कोई मदद नहीं करता मेरीशायद मैं अकेला हो गया हूॅन कोई वाट जोहता मेरी।।मन बेबस बेचैन डर डर जाती रूह तक मेरीमगर मै अकेला नहीं हूॅप्रभु! बस मुझे आस है तेरी।।राह अंधेरी है

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए