कट जाती है जिंदगी गरीब की, सुख और सुकून से
नहीं हारता कभी गरीब, मेहनत और ईमान से
आसमान भी झुक जाता है, अदब से उसके आगे
क्योंकि नही झुकता गरीब, बे मौसम तूफान से।।
खून पसीना एक करके, रात दिन एक करके
बढ़ता है आगे गरीब, रात दिन मेहनत करके
भाग्य भी झुक जाता है अदब से उसके आगे
क्योंकि करता है श्रम, गरीब पूरे ईमान से।।
चढ़ता सूरज सर्द हवाएं, सुबह से लेकर शाम तक
सहकर भारी बारिश, न निकले मुंह से आह तक
मुश्किलें भी झुक जाती, अदब से उसके आगे
क्योंकि नहीं झुकता गरीब, किसी भी हालात से।।
करें सम्मान हम हर गरीब का, देश के आधार का
है निर्माता भाग्य विधाता, देश समाज परिवार का
मैं भी करता हूं आदर उसका, झुककर उसके आगे
क्योंकि मानवता का तारा, चमके आसमान से।।
महेन्द्र "अटकलपच्चू" ललितपुर (उ. प्र.)
मो. +918858899720
__________________________________________