0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
2 किताबें
<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/619f9b3e7f25b66ec51103eb_1641312766745.jpg"></div>
अपने हृदय के द्वीप जला लोअन्दर का तम दूर भगा लो।भय अशान्ति भरे जीवन में,प्रेम शान्ति का पथ अपना लो ।जग उजियारा हो जाएगा, अपने मन को तुम चमका लो।मै और मेरा का भ्रम छोंडो ,वसुधैव कुटुम्बकम घर बना ल
अपने अन्दर के पट खोलोसोच समझकर फिर कुछ बोलो।भीतर एक संसार बसा है,फूलों का अम्बार दसा है।सब अपने और सब मे मै हूँ।तुझको किसी से बैर न होगा,तेरे लिए कोई गैर न होगा।औरों के दुख मे तुम रो लो,करुणा दया के ब