नाते रिश्ते सब हैं पीछे
सबसे आगे है ये पैसा
खूब हंसाता, खूब रूलाता
सबको नाच नचाता पैसा
अपने इससे दूर हो जाते
दूजे इसके पास आ जाते
दूरपास का खेल ये कैसा
सबको नाच नचाता पैसा
बना काम घर लौटे खुश होकर
ओढ़ी चादर और सो गये तनकर
तभी देकर पैसा कोई बिगाड़ता काम
देखकर हश्र उड़ती नींद खाना हराम
कम्बख्त किसने ये खेल खेला ऐसा
सबको नाच नचाता पैसा
छोड़छाड़ कर काम अपना लगे मैच देखने
मार चौका लगा छक्के, लगे आपस चिल्लाने
पर जब लगता सट्टा या मैच होता फिक्स
फिर कहाँ फोर? कैसा सिक्स?
कमबख्त किसने ये खेल बिगाड़ा ऐसा
सबको नाच नचाता पैसा
जब तक घुटती आपस में
क्या तेरा क्या मेरा
बस जुबां पर सिर्फ नाम उनका
क्या सांझ, क्या सबेरा
पर जब चलता लेन-देन होती खटपट
तब जाता भाड़ में सबकुछ सरपट
फिर संबंध कहाँ रहता पहले जैसा
सबको नाच नचाता पैसा
सबको नाच नचाता पैसा