आध्यात्म के नाम पर अब तो सिर्फ एक बहुत वृहद् कारोबार भर चल रहा है
कहा जाता है कि भगवान दत्तात्रेय महाराज के अनेकों गुरु थे. माता, पिता, भाई, बहन, मित्र, आम जनता से लेकर पशु, पक्षी और यहाँ तक की धरती व् आसमान, आग, हवा, पानी सबको उन्होंने अपना गुरु माना. जिससे भी उनको कोई न कोई ज्ञान मिला. संसार के जड़ पदार्थों और चेतन प्राणियों की गतिविधि