1 नवम्बर 2018
Aao ki koii khvaab bunen kal ke vaste - sahir ludhianvi आओ कि कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्तेवरना ये रात आज के संगीन दौर कीडस लेगी जान-ओ-दिल को कुछ ऐसे कि जान-ओ- दिलता- उम्र फिर न कोई हसीं ख़्वाब बुन सकेंगो हम से भा