ह्रदय रचना पितृ तुल्य,
स्नेह का साथ रखना जी,
अपनत्व सानिध्य पाया है,
सिर पर हाथ रखना जी।
कर्म की तार को पकड़े,
साथ का साथ रखना जी,
मेरा जुनून तुमसे है तभी,
सिर पर हाथ रखना जी।
मित्र सा साथ देखा है,
सदा ख्याल रखना जी,
भाई सा प्यार देखा है जी,
सिर पर हाथ रखना जी।
आपका उपकार है देखा,
जन्म सा साथ रखना जी,
परोपकार देखा है आपका,
सिर पर हाथ रखना जी।
मैं जाते देखूं या ना देखूं,
असमंजस मन अपना जी,
दिशा स्वयं को बना लो आप,
सिर पर हाथ रखना जी।
मील का पत्थर बनो आप,
प्रगति आप रखना जी,
निरंतर राह में ना थको,
सिर पर हाथ रखना जी।
मिलान जल्दी से हो जाए,
ऐसी आश रखता हूं जी,
उन्नति की लाट छू लो आप,
सिर पर हाथ रखना जी।
जहां हो, बस्ती आबाद रखोगे,
दिल फ़रियाद करता जी,
जहां हो, तुम्हें याद रखेंगे,
सिर पर हाथ रखना जी।