रवीश कुमार की यह किताब ‘बोलना ही है’ इस बात की पड़ताल करती है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किस-किस रूप में बाधित हुई है, परस्पर संवाद और सार्थक बहस की गुंजाइश कैसे कम हुई है और इससे देश में नफ़रत और असहिष्णुता को कैसे बढ़ावा मिला है। कैसे जनता क
व्यंग्य के क्षेत्र में नरेंद्र कोहली ने अपनी अलग पहचान बनाई है व्यंग्य लेखन में जिस स्पष्टवादिता की आवश्यकता होती है वह कोहली जी के लेखन और व्यक्तित्व दोनों में देखने को मिलती है। व्यंग्य में कव्य-वैविध्य के अभाव को तोड़ती उनकी रचनाओं ने शिल्पगत वैविध
यह किताब भारतीय लोकतंत्र को घृणा, सांप्रदायिकता और तानाशाही से बचाने के राहुल गांधी के प्रयासों का दस्तावेज़ है। भारतीय राजनीति के पुनर्जागरण में जुटे राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' ने सांप्रदायिकता को सीधी चुनौती दी। नफ़रती तूफ़ान को राहुल गांधी