आज हमें अपनी जमीन ,जंगल, और जल को बचाना है। आज का इंसान बस इन्हे नष्ट करने में लगा हुआ है।इन्हें बचाने के लिए, सरकार को विशेष कानून लाना होगा। आज के इंसान में थोड़ा भी ज्ञान नही बचा है। उसके पास केवल
माँ बसुन्धरा कोनमन करेंदो फूल श्रधा केअर्पण करेंन होने दें क्षरणमाँ कासब मिलकर यह प्रणकरें।कितना सुन्दर धरतीमाँ का आँचलपल रहा इसमें जगसारा,अपने मद के लिएक्यों तू मानवफिरता मारा-मारासंवार नहीं सकतेइस आँचल को तोविध्वंस भी तो नाकरें,माँ बसुन्धरा कोनमन करें।हिमगिरी शृंखलाओंसे निरंतरबहती निर्मल जलधारा