मेरा नाम संस्कार अग्रवाल है मैं और ख्याल की रचना करता हूं
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<div>पूछता सवाल समाज से एक मैं, बनाई तूने ये कैसी रीति है।</div><div>भरती सबका पेट जो, उसके प्रवेश प
<div><b>मेरी सांसे तो तेरी सासों से ही चलती है</b></div><div><br></div><div>मेरी सांसे तो तेरी सासों
<div>मेरी हर सफर की मंजिल हो तुम</div><div><br></div><div>मेरी हर सफर की मंजिल हो तुम, देखा तुम्हें
<div>ये उम्मीद ना थी तुमसे,</div><div><br></div><div>दूर चले जाओगी यूं पता ना था, दिखावे का प्यार कि