दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल हैख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती हैअपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर क्या होगाकोई तन्हा रहना नहीं चाहें मजबूरी बनाती हैकिसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता हैबिना मेहनत के मंजिल कब किसके हाथ आती हैक्यों हर कोई परेशां है बगल बाले की