,,,मीरा",मुझसे दोस्ती करोगी", बहुत ही हिम्मत कर के हर्षित ने मीरा के सामने पीले रंग का गुलाब का बुके देते हुए कहा,,,,,,,,,,,
,,,,, हा हा हा,बुके को हर्षित के हाथ से लेकर उसके चेहरे पर फेंकते हुए मीरा बोली,,,,,
,,,,अपनी शक्ल देखी है आइने में , जा ,जा, बड़ा आया मुझसे दोस्ती करने,,कहां तुम काले और कहां मैं,,,,,,😏😏
मीरा ने सबके सामने ही हर्षित की बेइजाति कर दी थी।सभी लड़के लड़कियां हर्षित की ओर इशारा कर के हसने लगे।
हर्षित शर्म से गड़ा जा रहा था।वो जल्दी से अपने हॉस्टल चला गया और दिन भर नही निकला।उसके बाद ये लगभग रोज का हो गया था।
,,,,,कॉलेज के सारे स्टूडेंट हर्षित को चिढ़ाते रहते थे ,,,,,,,अरे ओह बेचारा,,,मीरा से दोस्ती करेगा ,,,,😁😁🤭🤭सब कोई उसको चिढ़ाते।
मीरा भी जब भी मौका मिलता हर्षित को दुत्कार देती।ऐसा नहीं था की हर्षित बेवकूफ था या पढ़ने में कमजोर था लेकिन अपने पर्सनेलिटी को लेकर उसे हीनभावना रहती थी ।जिसे मीरा और बढ़ावा दे देती थी।
एक दिन तो उसके दोस्तो ने ही हद कर दी। 🏀 बास्केटबॉल का मैच चल रहा था ।हर्षित अच्छा खेल रहा था।बोल सभी उसके पास ही दे रहे थे स्ट्राइक के लिए।तभी रोहन(हर्षित का दोस्त,लेकिन उससे जलता भी था) ने जोर से आवाज़ दी,"ए काले कौए,,,,,,बाल पास करो जरा इधर भी,,,,,,,,,,,,
सभी हंसने लगे और हमेशा को तरह हर्षित का सबने तिरस्कार किया..............