,,,,,पहले पार्ट में अपने देखा की मीरा अपनी नौकरी के सिलसिले में दिल्ली रहने एयर है और यहां उसने एक आइना खरीदा जो शापित था और मीरा भी उसका शिकार हो जाती है आइने के अंदर चली जाती है,,,,,,,,,,आइए देखते है उसके अंदर क्या होता है........
,,,,,मीरा ने चारो तरफ देखा,उसने खुद को एक शीशे के घर में पाया।चारो तरफ आईना ही आईना था लेकिन उसमे उसे अपना अक्स नही दिखाई दे रहा था,,,,,,,,,
उसमे जो चेहरा दिख रहा था उसे देख कर मीरा चौंक गई...........हर्षित..........तुम.........
लेकिन दो साल।पहले तो तुम्हारी आत्महत्या कर लेने की खबर सुनी थी मैंने...........
सही सुना था मीरा...........एक लंबी सी सांस छोड़ते हुए हर्षित ने मीरा से कहा............लेकिन तुमने आत्महत्या क्यों कर ली हर्षित.............….
,,,,,इसका जवाब मुझसे बेहतर तुम्हारे पास है मीरा,,मैं दो साल से इस आइने में कैद हूं और तुम्हारी ही तलाश में न जाने कितनी को इस आइने में कैद कर दिया........,,,,,,
**************************************
मीरा को पांच साल।पहले का हर्षित याद आने लगा,जब हर्षित ने मीरा के कॉलेज में इंजीनियरिंग करने के लिए दाखिला लिया था।मीरा और हर्षित का एक ही स्ट्रीम था ,जाहिर है दोनो के क्लास का टाइम भी एक ही था।
मीरा आजादी ख्यालात की बड़े घर की इकलौती लड़की थी और हर्षित मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का था।उससे बड़ा उसका एक भाई और उससे छोटी दो बहन और थी।
,,,,,,मीरा जहां बला की खूबसूरत थी वही हर्षित साधारण नैन नक्श का था।उसका रंग थोड़ा गहरा था,,,,
मीरा की आजाद ख्याली के कारण कई लड़के उस पर मरते थे लेकिन वो किसी को घास नहीं डालती थी। उन लड़कों में हर्षित भी था ,लेकिन अपनी साधारण सूरत के कारण कभी मीरा के सामने बोलने की उसकी हिम्मत नही होती थी।
,,,,आज बहुत चहल पहल थी कॉलेज में ।हो भी क्यू ना फ्रेंड शिप डे जो था उस दिन,,,,,,,,,,,
अरे हर्षित,,,अच्छा मौका है यार,,,,जा ,,,,,मीरा से दोस्ती करने के लिए बोल दे,,,,,,,,,,,विवेक (हर्षित का दोस्त) ने हर्षित को उकसाते हुए कहा।
नही यार,मैं नही जाऊंगा,,,,,,,,,(अपने गहरे रंग के कारण हर्षित थोड़ा घबरा रहा था),,,,,,,,,,,,,,