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शब्द

Anju

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मेरे आलफ्ज खुद से स्मपर्ण है।। मेरे आज्फाज कुछ समझ पाये। तो कुछ समाज में समझ बैठे। क्या बताऊ थे शब्द बया करते हो। सुना है कि दिल से कि दुआ जो क की करता दुआ जरूर कबुल होगी पर आज तक ना मेरै हुए ना य मेरी जान त अपनो के लिए। दुआ मेरी सब खराब हुई।।।। अब नहीं किसी की दुआ ना अपने न लिए के ना अपनो के लिए जो होगा हम सही होगा।अब उम्मीद टूट चुकी हैं 😣 

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