जीवन एक सर्घष हैं। इसमेंकोई दो राह नहीं हैं। क्योंकि इंसान के लिए सर्घष नही तो कुछ नहीं। इंसानियत से ही व्यक्ति सब कुछ सिखता है। सर्घष व्यक्ति को सही शिक्षा और गलत के बताता है। सर्घष से व्यक्ति की पहचान होती हैं। वो ये भी जान जाता है। कौन उसका सही साथी है। और कौन उसके साथ चलने का नाम कर रहा हैं। जो मुश्किल वक्त में शामिल होगा तुम्हारे असल में वही तुम्हारा हैं । बाकी सब दिखावा हैं।