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सोच

Anju

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सोचा था कि सब ऐसा हो कि सब अच्छा हो, ऐसा कभी नहीं सोचा था जो हो गया । पहले लगता था सोचा और लगन के साथ किया काम, अकसर अच्छा परिणाम देते हैं। मैं पर गलत थी, या फिर मेरी सोच। नहीं पता क्या गलत और क्या सही था । पर जो देखा अपनी सोच से विपरीत देखा , क्या यही भूल कि मैने कि सबके लिए अच्छा सोचा, या मेरे को जो बताया और समझाया गया वो गलत हैं। कुछ समझ से बहार लगती हैं,ये दुनिया और जो इस शक्ति इसे चला रही हैं। फिर भी में सबके हक में ही दुआ करुगी, शायद किसी के लिए अच्छा ही हो जाए । ये सोच कहाँ तक सही पता नहीं 

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