सोलह वर्ष की एक कुँआरी युवती और कई नाम—शीबा की रानी; दक्षिण की रानी; दक्षिण अबर के लोगों के लिए बिल्किस; कुरान में बल्किस; टिगरे के लोगों के लिए ऐटेये; यमन के लोगों के लिए बलकामा; हैरोडोटस ने उसे मिस्र की विधवा रानी नाम दिया और ईसाई मिशनरी जैरोनिमो लोबो ने उसे निकौला कहकर पुकारा। पर इथियोपिया में वह सुंदर मकेडा के नाम से जानी जाती है। यह कहानी अरब में, ज्यूज में, इथियोपिया में और दूसरे देशों में भिन्न-भिन्न तरीके से सुनी जाती है पर यह मध्य पूर्व क्षेत्र की विशेष कहानी है। मुसलमानों की कुरान, ईसाइयों की बाइबिल और यहूदियों की टालमुड में चर्चित, नाटकों, टीवी और फिल्मों में प्रदर्शित, साहित्य में, विशेषकर यूरोपियन साहित्य, और कला में वर्णित यह कहानी कई देशों के इतिहास को जोड़ती है। इसके विषय में लगभग तभी से पुस्तकें लिखी मिलती हैं, जब से इसका शासन था, यानी 960 बीसी से और सबसे नई पुस्तक टोस्का ली ने सन् 2018 में प्रकाशित की है। साठ से अधिक पुस्तकें, पाँच डीवीडी, दस फिल्में और चार टीवी प्रोग्राम इस पर निर्मित हुए हैं। शीबा की इस रानी ने ईसा से एक हजार वर्ष पूर्व अपने पिता से यह राजगद्दी इस शर्त पर ली थी कि वह जीवन भर कुँआरी रहेगी। एक प्रसिद्ध राजा और एक विदेशी रानी के बीच घटी एक विस्फोटक घटना जो अब हिंदी में प्रस्तुत है।. Read more