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ये कहानी हमें बताती है कि हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए!

Durgesh Panchal

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घमंडी पेड़                                                             एक जंगल में पक्षियों का आशियाना था!सभी पक्षी मिल जुलकर रहते थे! सबका अपना-अपना घर था उसी जंगल में चीकू ,पिंकी ,गुनगुन बहुत अच्छे दोस्त थे! एक बार जंगल में बहुत बड़ा तूफ़ान आया तूफ़ान के करण बहुत से पक्षियों के घर टूट गए और सभी पक्षी अपना-अपना रहने का घर ढूंढने लगे उसी जंगल में दो पेड़ एक तो नीम का पेड़ था और एक जामुन का पेड़ था! जामुन का पेड़ बहुत ही घमंडी था वे किसी को अपने आस-पास और बैठने नहीं दिया करता था!चीकू पिंकी और गुनगुन का घर भी टूट गया था सभी पक्षियों ने अपना-अपना रहने के लिए पेड़ ढूंढ लिया था! और उन को को कोई भी पेड़ नहीं मिल रहा था!वे इदर उधार पेड़ की तलाश कर रहे थे तभी तीनो की नजर जामुन के पेड़ पर पड़ी! तीनो जामुन के पेड़ के पास चले गए और जामुन के पेड़ से कहा कि हम थोड़े समय के लिए आपके पेड़ पररह सकते हैं !वह तीनो जामुन के पेड़ के पास चले गए और जामुन के पेड़ से कहा कि हम थोड़े समय के लिए आपके पेड़ पर रह सकते हैं !  तभी जामुन के पेड़ ने कहा नहीं तुम यहां नहीं रह सकते तुम सब यहां से चले जाओ मैं जामुन का पेड़ हूं! तुम सब मेरे जामुन खाकर मेरी सुंदरता खत्म कर दोगे तभी पक्षियों ने कहा यह आप क्या कह रहे हैं !पेड़ भैया आप तो प्रकृति के दान हैं! हम सब प्रकृति के बिना अधूरे हैं! मगर पेड़ ने उनकी बात नहीं मानी और उन्हें चले जाने को कहा आगे उन्हें नीम  का पेड़ मिला और नीम के पेड़ पर रहने को कहा नीम शांत और भावुक पेड़ था! वे घमंडी नहीं था! उसने पक्षियों को रहने को कहा और वहां जामुन का पेड़ अपने घमंड में था! और समय जाते-जाते हुए सुखने लगा और रोने लगा कोई पक्षी उसके पास ना जाता इसलिए वह जामुन का पेड़ मर गया! शिक्षा- हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए! 

ye kahani hame batati hai ki hamen kabhi bhi ghamand nahi karna chahiye

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