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शिव शम्भू को मैं हूँ,चला जगाने ।
गौरापति भोले को,व्यथा सुनाने ।।
प्रभु तेरी चौखट पर ,दीप जलाने ।
आया मैं घावों को ,तुम्हें दिखाने ।।
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हारा जाता जीवन,नाथ बचाओ ।
घूमूँ मारा - मारा,डगर दिखाओ ।।
नैय्या डूबी जाती,पार लगाओ ।
एक सहारा तेरा,अंक बिठाओ ।।
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जो जन शिव शंकर को ,हृदय बसाते ।
करुणा कर कह कह कर,उन्हें बुलाते।।
श्रृद्धा से जो प्रभु को,सुमन चढ़ाते ।
क्षण में आकर सारे ,दुखःमिटाते ।।
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डाँ आदेश कुमार पंकज