शीर्षक--मेरे कान्हा
मेरेकान्हा ओ मेरे कान्हा
तेरा जन्म पापों का उद्धार किया है
जब जब धरती पर बढ़ी है बुराई
तब तब तूने आकर
उनका किया संहार
ओ मेरे कान्हा ओ मेरे कान्हा
पाप की मटकी भरी है
आकर अब तो आकरफोड़ दो
जग की सारी नारी
अब निहार रही है
तेरी राह
आकर पापियों का अब करो नरसंहार
पाप की अब मटकी फोड़ो
अब अत्याचारियों का करो नाश
नारियों का सम्मान दिलाओ
यूँ टुकड़े टुकड़े मे मत कटने दो
हर युग मे बेचारी क्यो कहलाये नारी ही
कभी तो उनको भी सशक्त बना दो
पापियो के कर्मो की तुम कुछ तो
सजा दे जाओ
अब देर न करो ओ मेरे कान्हा
अब जल्दी से आ जाओ
तेरा जन्म है पापो के उद्धार के लिए
अब तो आकर अपनी सुदर्शन चक्र चला दो
ओ मेरे कान्हा ओ मेरे कान्हा
श्री कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें 🙏
श्वेता कुमारी